इतना आसान नहीं होता,यूँ किसी पर विश्वास करना
श्रुति केशरवानी
धन और दौलत तो सब कमाते ही हैं
यदि आपको कमाना है तो लोगों का विश्वास कमाइए
यूँ तो साथ हर कोई खड़ा होता है खुशियों में आपके
यदि साथ निभाना ही है तो बुरे वक्त में निभाइए
हर व्यक्ति के जीवन में एक ऐसा दिन जरूर आता है जब उसे किसी पर भी विश्वास करने से डर लगने लगता है. कोई न कोई ऐसा हादसा या घटना ऐसी होती है जिससे किसी अपने ने ही आपको बहुत ठेस पहुँचाया होता है, जिससे आप किसी दूसरे व्यक्ति को भी उसी नजरिये से देखने लागतें हैं और उन पर विश्वास करना आपके लिए कठिन हो जाता है. पर एक दिन कोई व्यक्ति आपके जीवन में ऐसा आता है जिससे आपको प्रभाव पड़ने लगता है आप धीरे-धीरे उस व्यक्ति पर विश्वास करने लगते हैं . तब आप उस मोड़ पर आ जाते हैं अपने जीवन में जहाँ आप किसी पर इस कदर भरोसा करने लगते हैं की किसी की कही उनके बारे में किसी नकारात्मक बातों से आपको किसी भी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ता है.
आप चाह कर भी उन पर से अपने उस दृढ़ विश्वास को नही मिटा सकते क्यूंकि आप उस पड़ाव को बहुत कुछ कर के हासिल किये होतें हैं. पर यदि वही बातें हर जुबां से हो तो कहीं न कहीं आपके मन में थोडा ही सही मगर शक और सवाल पैदा जरूर होने लगते हैं, और आप अन्दर ही अन्दर चाहतें हैं उन सवालों को दफ़न करना उन सभी शकों को खुदसे ही अपने आपको समझाकर मिटा देना. पर यह कोई स्थायी समाधान नही होता है उन सवालों के बढ़ते हुए पौधे का जिसके बीज आपके अन्दर पनप चुके हैं. आपको वो सभी सवाल हर मोड़ पर परेशान करते रहते हैं लेकिन आप उस सख्स से ये बात खुलकर सुलझा नही सकते, क्यूंकि कही न कही आपको उन्हें खोने का डर होता है. जिन बातों पर आपको केवल शक है यदि वो बातें सच में सहीं हुई तो? जिस पर आप अब तक आँख मूँद कर भरोसा करते आएं हैं, अगर उसने ही दगा कर दिया तो? अनेक अन्य सवाल आपके मन में आने लगते हैं और आप उस व्यक्ति से भी अपना सवाल नहीं पूछ सकते हैं.
जबकि ये मन में पनप रहे सवालों के बीज आप दोनों के बीच तनाव ही बढ़ा रहे होते हैं. आप दोनों के बीच आपको ग़लत फहमी बढती हुई नज़र आती है, पर आपको कुछ समझ ही नहीं आ रहा होता है की क्या करना है और इन सवालों के जवाब को किस प्रकार खोजना है. अजीब ही उलझन होती है आप न ही उससे कुछ कह पा रहे हैं और न ही खुद कुछ कर पा रहे होते हैं. तब आप समय और किस्मत के ऊपर सब छोड़ देते हैं और उन पर अपना विश्वास कायम रखते हैं. क्यूंकि किसी भी रिश्ते की नीव विश्वास मात्र से ही होती है, और यदि आपको रिश्ता कायम, सरल रखना है तो आपके बीच भरोसे का होना अति आवश्यक हो जाता है.