रासायनिक विज्ञान के उभरते क्षेत्र” विषय पर IGNTU में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

रासायनिक विज्ञान के उभरते क्षेत्र” विषय पर IGNTU में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन
अनूपपुर रमेश तिवारी
रसायन विज्ञान विभाग, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय,में “रासायनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के उभरते क्षेत्र” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। संगोष्ठी के संयोजक प्रो. तन्मय कुमार घोराई, विज्ञान संकाय के डीन और आमंत्रित वक्ता श्री लक्ष्मी नारायण बोक्सी, एक विज्ञान संचारक, शिक्षक और लेखक ने संगोष्ठी का उद्घाटन किया। प्रतिष्ठित राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्रों के विभिन्न वैज्ञानिकों ने अपने बहुमूल्य व्याख्यान दिए। मुख्य वक्ता, डॉ. स्वप्नाली हजारिका, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रोफेसर, प्रमुख, सीएसआईआर एनईआईएसटी, जोरहाट, असम ने झिल्ली प्रौद्योगिकी विकसित करके “CO2 पृथक्करण और हरित उत्सर्जन नियंत्रण” पर व्याख्यान दिया। डॉ. हजारिका ने विज्ञान की विभिन्न शाखाओं में उच्च शिक्षा के दायरे से भी अवगत कराया। डॉ. प्रदोष पी. चक्रवर्ती, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक, आईआईसीटी हैदराबाद ने “तेल और वसा-अच्छे या बुरे” पर अपना व्याख्यान दिया और स्वास्थ्य के नजरिए से तेल और वसा के घटक के रूप में असंतृप्त वसा अम्लों के महत्व पर प्रकाश डाला। एक अन्य आमंत्रित वक्ता डॉ. मंजूषा श्रीवास्तव, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक, सीएसआईआर एनबीआरआई, लखनऊ ने सुगंधित पौधों में मौजूद द्वितीयक चयापचयों के महत्व और दवा विकास और औषधीय रसायन विज्ञान में इसके अनुप्रयोगों पर अपना व्याख्यान दिया। श्री बोक्सी द्वारा शिक्षा और अनुसंधान के विभिन्न द्वार पर एक व्याख्यान दिया गया। उन्होंने रासायनिक उद्योगों के साथ स्टार्ट-अप व्यवसाय खोलने सहित चक्रीय अर्थव्यवस्था और स्थिरता, हरित रसायन विज्ञान पर विशेष जोर देते हुए रसायन विज्ञान और रासायनिक प्रौद्योगिकी के उभरते क्षेत्र में विभिन्न गुंजाइशों और संभावनाओं के बारे में बात की।