
सरकार करने जा रही है इन बैंको अब Private! कितना प्रभावी होगा ये फ़ैसला?
सरकार करने जा रही है इन बैंको अब Private! कितना प्रभावी होगा ये फ़ैसला?
Bank Privatization: सरकारी बैंकों पर निजीकरण का दबाव है। AIBOC (ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफेडरेशन) ने इसकी सूचना दी। यूनियन कहता है कि सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों ने आर्थिक भेदभाव को दूर करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसके बावजूद, सरकारी बैंकों की स्वायत्तता अभी भी खतरे में है।
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफेडरेशन (AIBOC) ने बैंकों के 55वें राष्ट्रीयकरण दिवस (Bank Nationalisation Day) पर कहा कि 1969 में राष्ट्रीयकृत होने से ही पब्लिक सेक्टर बैंक्स ने वित्तीय इन्क्लूजन और बचत को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। AIBOC के जनरल सेक्रेटरी रुपम रॉय ने कहा कि पब्लिक सेक्टर बैंक्स निजीकृत हो रहे हैं।
रुपम रॉय ने कहा कि पब्लिक सेक्टर बैंक्स नेशनलाइज़ेशन के बाद से ही कृषि, एमएसएमई, शिक्षा और आधारभूत ढांचे को धन देते आ रहे हैं। जैसा कि ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफेडरेशन (AIBOC) ने कहा, पब्लिक सेक्टर बैंक्स ने अपनी सेवाओं के माध्यम से आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया है। इसने करोड़ों लोगों को काम दिलाने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
रुपम रॉय ने बताया कि पब्लिक सेक्टर बैंकों में सरकार की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है और उनके प्रॉफिट से मिलने वाले डिविडेंड का सबसे बड़ा लाभ सरकार को मिलता है। उनका कहना था कि SBI प्रति कर्मचारी 1900 कस्मटर है, HDFC में 530, और Axis Bank में 325। 2017 से पहले देश में 27 पब्लिक सेक्टर बैंक्स थे, लेकिन अब उनके आपस में विलय होने के बाद 12 रह गए हैं।