
अब इस QR कोड को स्कैन कर के आप पता लगा सकते है दवाई के असली या नकली होने का पता!
अब इस QR कोड को स्कैन कर के आप पता लगा सकते है दवाई के असली या नकली होने का पता!
नकली दवाई : फार्मा कंपनी नकली दवाइयों का उत्पादन करती है जिन्हें पहचानना मुश्किल होता है। इन दवाओं से लोगों का स्वास्थ्य और भी खराब हो गया है। DCGI ने एक सिस्टम शुरू किया है जिसके माध्यम से आप QR कोड को मोबाइल ऐप पर स्कैन करके असली और नकली दवा का पता लगा सकते हैं, इससे नकली दवाएं बनाने वाले अब सुरक्षित नहीं रहेंगे।
अब आप मेडिकल से दवा खरीदने के बाद QR कोड स्कैन कर आराम से भुगतान कर सकते हैं और संतुष्ट हो जाएंगे। सरकार ने इसे पिछले साल शुरू करने की योजना बनाई थी, लेकिन अब 1 अगस्त से 300 दवाओं पर QR कोड स्कैन करने का आदेश देते हुए इसकी शुरुआत करती है।
अब दवाओं पर बार कोड होगा
सरकार ने अब बड़ा फैसला लिया है: दवाओं और कॉस्मेटिक कंपनियों को H2/QR लगाने का आदेश दिया है। देश के DCGI ने अब दवा बनाने वाली कंपनियों को कड़े निर्देश दिए हैं: 1 अगस्त से बनने वाली नई दवाओं पर बार कोड लगाना अनिवार्य होगा। सरकार ने यह निर्णय नकली चिकित्सा (fake medicine) को नियंत्रित करने के लिए लिया है। लेकिन सरकार ने 2022 में ही फार्मा कंपनियों को यह आदेश दिया था।
QR कोड हर जानकारी देता है
सरकार का यह निर्देश मानने पर कोई फार्मा कंपनी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, आप इन दवाइयों (काल्पोल, एलीग्रा, शेलकेल, डोलो और मोफ्टेल) पर लगे हुए QR कोड को स्कैन कर सकते हैं।
बड़ी कंपनियों को आदेश नहीं मानने पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। यह QR कोड, जो सामान्य दवाइयों पर लगा हुआ है, स्कैन करने पर आपको दवा की ब्रांड का नाम, जेनेरिक नाम, उत्पादन की तारीख, एक्सपायरी की तारीख और लाइसेंस नंबर जैसे सभी विवरण मिल जाएगा।
नकली दवाओं पर प्रतिबंध लगाया जाएगा
जब दवाओं पर क्यूआर कोड लगाना शुरू हो जाएगा, तो नकली दवाओं (fake medicine) बनाने पर रोक लग जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मण्डाविया ने भी “बर्दाश्त नहीं करने” की नीति को लागू करने का आह्वान किया है, जिस पर सरकार सख्त कार्रवाई कर रही है। इससे भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा और लोगों को नकली दवा नहीं मिलेगी।