
हमारा राष्ट्र जीवंत राष्ट्र है! आज पूरा देश अपनी स्वन्त्रता को उन्नती के पथ पर मना रहा है……प्रो.श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी(कुलपति)
हमारा राष्ट्र जीवंत राष्ट्र है! आज पूरा देश अपनी स्वन्त्रता को उन्नती के पथ पर मना रहा है……प्रो.श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी(कुलपति)
अनूपपुर पुष्पराजगढ़ (रमेश तिवारी)
भारत की आजादी की 76वीं वर्षगांठ के अवसर पर आज विश्वविद्यालय का हर व्यक्ति देशभक्ति में डूबा हुआ है। ऐसे में विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन मे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी द्वारा ध्वजारोहण एवं सलामी पश्चात विश्वविद्यालय परिवार को संबोधित किया गया।
अपने उद्बोधन में सभी को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए सर्वप्रथम मां नर्मदा को याद किया और उनसे आशीर्वाद मांगा की यह बधाई का कार्यक्रम अनंतकाल तक चलता रहे। आगे उन्होंने कहा कि आज हमें ध्यान करना चाहिए देश के इन सपूतों का जिनके उत्सर्ग से हमें स्वतंत्रता की प्राप्ति हुई है। ये सभी नौजवान और राष्ट्रभक्त जिन्होंने युवा काल में ही देश की स्वतंत्रता के लिए उत्सर्ग किया और दास्तां की बेडी से हमें स्वतंत्र कराया। हम नमन करें राष्ट्र के उन नायकों का जिन्होंने हमें एक व्यवस्था दी, हम याद करें उन राजनायकों को जिन्होंने हमें निरंतर प्रगति पथ पर अग्रसर किया हम सौभाग्यशाली हैं की उस देश में है जहां तिरंगा निरंतर फहराता रहता है।
हमारा राष्ट्र दुनिया का विलक्षण राष्ट्र है। हमारा देश एक ऐसा देश है जो सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से उन्नत रहा है। आज संपूर्ण विश्व हमारी ओर आशा भरी नजरों से देखा है। हमारे देश के पास दुनिया की समस्याओं का समाधान और मानवता के लिए बहुत कुछ दे सकता है। हमारा राष्ट्र विद्या और विज्ञान का अधिष्ठाता है, सनातन मूल्यों का पुंज है, मानवीयता के गुणों से परिपूर्ण हैं जहां कला और संस्कृति की अनेक विधाएं प्रवाहित होती हैं और मनुष्यता को श्रेष्ठ बनाती है। हमारे जीवन में शिक्षालय, चिकित्सालय और देवालय का विशेष स्थान है। भारत एक चेतन राष्ट्र है। हम उस देश के नागरिक हैं जहां विद्या को पूज्नीय बताया गया है। अंधकार और अभाव से मुक्त होने का संदेश हमारे आचार्य द्वारा विद्या के माध्यम से दिया गया है। हमारे सम्मुख हमारा संपूर्ण विश्वविद्यालय परिवार है, कुछ विशिष्ट अतिथि भी हमारे यहाँ आए हुए हैं। इस विश्वविद्यालय की अपनी एक विशेष भूमिका है जितने भी ज्ञान विज्ञान के विषय हैं सभी में जनजातीय ज्ञान को जोड़ा गया है। हमारे विश्वविद्यालय के जो आचार्य हैं, कर्मचारी हैं, अधिकारी हैं इनकी प्रतिभा आज देश में सर्वत्र दिखलाई देती है। हमने अभी-अभी Y20 के अंतर्गत एक सफल आयोजन किया। जिसकी गूँज देश-विदेश के कोने-कोने तक पहुँची। हमारे देश में बहुत कुछ है और यह बहुत कुछ एकता के कारण, जब हम घर-घर तिरंगा की बात करते हैं तो यह हमारे सौर्य को प्रदर्शित करता है, हमारे सामर्थ का प्रतीक होता है, हमारी शांति को प्रदर्शित करता है और यह झंडा हमें एकता के धागे से जोड़ता जो हमें सिखाता है कि सुरक्षा का दायित्व सिर्फ हमारे सैन्य कर्मियों के कंधों पर नहीं है बल्कि हम आम नागरिक भी अपनी माँ को सुरक्षित रखते हैं।
पुनः आप सभी को आज के दिन की बधाई।
कार्यक्रम के दौरान हाउसकीपिंग स्टाफ और सुरक्षा प्रहरीयों को पुरस्कृत करने के लिए प्रोफेसर आलोक श्रोत्रीय (अकादमिक अधिष्ठाता) द्वारा सात विशिष्ट सेवा प्रदान करने वालो के नामों की घोषणा की गई। जिन्हें माननीय कुलपति द्वारा प्रोत्साहन राशि एवं प्रशस्ति पत्र से पुरस्कृत किया गया।
आज का कार्यक्रम प्रोफेसर ज्ञानेंद्र बहादुर सिंह जोहरी की अध्यक्षता एवं डॉ मनोहर बी यलकलवर, डॉ शिवाकांत त्रिपाठी, डॉ संजय यादव
के निर्देशन में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का संचालन डॉ. विक्रम प्रताप सिंह द्वारा किया गया। कार्यक्रम का समापन विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. एस. एन. मूर्ति के धन्यवाद ज्ञापन तथा मिष्ठान वितरण के साथ हुआ।