
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के योग संकाय द्वारा 9वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का भव्य आयोजन
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के योग संकाय द्वारा 9वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का भव्य आयोजन
अनूपपुर पुष्पराजगढ़ (रमेश तिवारी)
21 जून 2023 को विश्व योग दिवस पर विश्वविद्यालय के खेल परिसर के इनडोर स्टेडियम में योगाभ्यास किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी द्वारा की गई। मुख्य अतिथि के रूप में श्री लवलीन जी महाराज धारकुंडी आश्रम अमरकंटक उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीमती शीला त्रिपाठी (अध्यक्षा श्री शील मण्डल) समुपस्थित रहीं। इस कार्यक्रम में अन्य गणमान्य अतिथियों प्रो. आलोक श्रोत्रिय, अकादमिक अधिष्ठाता, प्रो. पी. के. सामल, अधिष्ठाता, ट्राईबल स्टडीज एवं प्रभारी वित्त अधिकारी, प्रो. एन.एस. हरि नारायण मूर्ति अधिष्ठाता भेषज संकाय एवं कुलसचिव, प्रो. जितेंद्र कुमार शर्मा अधिष्ठाता योग संकाय, मा. मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ के विशिष्ट सुरक्षा अधिकारी सहित विश्वविद्यालय के शैक्षणिक तथा प्रशासनिक अधिकारियों, एनसीसी कैडेट, श्रीशील मंडल के सदस्य, पदाधिकारी, विश्वविद्यालय के सुरक्षा एवं सपोर्टिंग स्टाफ सहित लगभग 300 प्रतिभागियों ने सहभाग किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन एवं महर्षि पतंजलि की प्रतिमा पर पुष्पार्पण के साथ हुआ।
अध्यक्ष सहित समागत विशिष्ट अतिथियों का स्वागत अधिष्ठाता योग संकाय एवं संकाय सदस्यों डॉ प्रवीण कुमार गुप्ता, डॉ. श्यामसुंदर पाल डॉ. संदीप ठाकरे एवं डॉ. नीलम श्रीवास्तव ने शाल, श्रीफल पुष्पगुच्छ एवं मोमेंटो द्वारा किया। अतिथियों का वाचिक स्वागत करते हुए प्रो. जितेंद्र कुमार शर्मा अधिष्ठाता, योग संकाय ने श्वेताश्वतर उपनिषद का उदाहरण देते हुये योग के उद्देश्य सहित योग हेतु समुचित स्थान एवं ध्यान के समय रखी जाने वाली विशेष शारीरिक स्थिति पर प्रकाश डाला। आपने बताया कि योग दुखों से आत्यंतिक निवृत्ति के साथ नि:श्रेयस की प्राप्ति का भारतीय मनीषियों द्वारा प्रदत्त दिव्य उपहार है।
स्वागत भाषण के उपरांत अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के ध्येय वाक्य “वसुधैव कुटुंबकम के लिए योग” के अनुरूप लोक स्वास्थ्य संवर्धनार्थ कॉमन योग प्रोटोकॉल का संयुक्त अभ्यास किया गया। कार्यक्रम का संचालन एवं कॉमन योग प्रोटोकॉल का संयुक्त डिमोन्सट्रेशन योग विभाग के स. आचार्य डॉ. हरेराम पांडेय, डॉ. श्याम सुंदर पाल एवं परास्नातक योग की छात्राओं सुश्री आकांक्षा मिश्रा एवं भूमिका जायसवाल द्वारा किया गया। वस्तुतः कॉमन योग प्रोटोकॉल का नियमित अभ्यास ही हर घर आंगन योग की प्रासंगिकता को चरितार्थ कर सकता है। कॉमन योग प्रोटोकॉल के नियमित अभ्यास, प्रचार- प्रसार से ही सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया: की आर्षभावना को साकार किया जा सकता है।
अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी ने बताया कि योग, योगक्षेम की प्राप्ति के साथ ही साथ निर्वाण प्राप्ति का माध्यम भी है। इसके नियमित अभ्यास से मनुष्य शारीरिक व मानसिक आरोग्य प्राप्त करने के साथ ही जीवन के परम लक्ष्य- परम परमतत्व की प्राप्ति भी कर सकता है। योग वैयक्तिक चेतना के साथ परात्पर चेतना के मिलन का अद्भुत साधन है। मुख्य अतिथि श्री लवलीन जी महाराज ने नियमित योगाभ्यास के साथ-साथ प्रणव साधना (ॐकार जप) पर जोर दिया । धन्यवाद ज्ञापन योग विभाग स. आचार्य डॉ. प्रवीण गुप्त ने किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान एवं वंदे मातरम के साथ हुआ।