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तीन दिवसीय जनजातीय उत्सव की सांस्कृतिक संध्या का समापन

तीन दिवसीय जनजातीय उत्सव के अंतिम दिन कलाकारों ने अमरकंटक में मंच पर अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए दर्शकों का मन मोह लिया

तीन दिवसीय जनजातीय उत्सव की सांस्कृतिक संध्या का समापन

तीन दिवसीय जनजातीय उत्सव के अंतिम दिन कलाकारों ने अमरकंटक में मंच पर अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए दर्शकों का मन मोह लिया

अनूपपुर- (रमेश तिवारी)

अमरकंटक से- श्रवण उपाध्याय की रिपोर्ट


मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली / पवित्र नगरी अमरकंटक में उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज द्वारा अमरकंटक के रामघाट पर तीन दिवसीय जनजातीय उत्सव का आयोजन 29 सितंबर से 01 अक्टूबर 2023 तक आयोजित किया गया, जिसका समापन01 अक्टूबर सायं को किया गया। केंद्र के निर्देशक प्रोफेसर सुरेश शर्मा ने जिस परिकल्पना के साथ इस कार्यक्रम का आयोजन किया था कि लोक कला के अनेक स्वरूपों जैसे गायन, नाटक, नृत्यों इत्यादि के माध्यम से एक क्षेत्र के लोगों को दूसरे प्रदेश की विलुप्त होती सांस्कृतिक परंपराओं को सांस्कृतिक उत्सवों के माध्यम से पहचान करायी जानी चाहिए ताकि लोग न केवल अपनी सांस्कृतिक विरासत को पहचान सकें बल्कि इससे जुड़े रहें।

तीन दिवसीय जनजातीय उत्सव की सांस्कृतिक संध्या का समापन

वह सांस्कृतिक परंपरा यहां पूरी होती हुई नजर आई। कार्यक्रम स्थल पर दर्शकों की भीड़ बारिश में भी बनी रही जो इस बात की प्रतीक रही कि वे दूसरे प्रदेशों की संस्कृतियों को जानने और समझने के लिए इच्छुक थे।जनजातीय उत्सव के अंतिम दिन पीलीभीत उत्तर प्रदेश के रजनेस सिंह और उनके साथी कलाकारों के द्वारा भजन गायन के साथ कार्यक्रम शुरू हुआ , तत्पश्चात छत्तीसगढ़ के बेमेतरा से आयी हुए सुश्री प्रेमशिला वर्मा और उनके दल द्वारा प्रसिद्ध पंडवानी की प्रस्तुति की गई जिसमें कलाकारों द्वारा द्रौपदी का चीरहरण की प्रस्तुति दिया। तीसरी प्रस्तुति रजनेस सिंह और उनके साथी कलाकारों के द्वारा होरी नृत्य की दी गई।

इसके पश्चात जिला धार, मध्यप्रदेश से आये हुए श्री गोविंद गहलोत और उनके साथियों द्वारा भगोरिया लोकनृत्य की हुई। तत्पश्चात देहरादून – उत्तराखंड की सुश्री उर्मिला राणा और उनके साथीगण जौनसारी लोक नृत्य की प्रस्तुति की दी और भासू महाराज को खुश करने के भाव से नृत्य किया। पांचवी प्रस्तुति अर्जुन बाघमारे और उनके साथियों द्वारा थाटिया की रही जो बैतूल – मध्यप्रदेश से पधारे थे। तत्पश्चात शिरोही – राजस्थान से आये हुए मावा राम और उनके साथी ने गरासिया लोकनृत्य की प्रस्तुति किया। अंतिम प्रस्तुति पीलीभीत – उत्तर प्रदेश से आये हुए रजनेश सिंह और उनके थारू जनजाति के कलाकारों द्वारा झींझी नृत्य की रही।

तीन दिवसीय जनजातीय उत्सव की सांस्कृतिक संध्या का समापन

उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और उत्तराखंड से आये हुए जनजातीय समुदाय के कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुतियों को देखने के लिए भारी संख्या में दर्शक उपस्थित रहे और बारिस के बीच मे भी पंडाल खचाखच भर रहा। मंच के सांस्कृतिक केंद्र के प्रतिनिधि श्री कृष्ण मोहन द्विवेदी और उनके साथियों ने कार्यक्रम को सुचारु रूप से चलने में मदद करते रहे।

प्रथम और द्वितीय दिवस की तरह तृतीय दिवस भी कार्यक्रम का संचालन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के अंग्रेजी और विदेशी भाषा विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ0 संतोष कुमार सोनकर ने किया।

कार्यक्रम के अंत मे संचालक ने केंद्र के तरफ से जिला प्रशासन , पुलिस प्रशासन , अनुविभागीय अधिकारी , अमरकंटक थाना प्रभारी कालीराम परस्ते एवम उनकी टीम , नगर परिषद अमरकंटक की अध्यक्ष महोदया श्रीमती पार्वती सिंह , जनप्रतिनिधिगण और नगर पालिका प्रशासन सीएमओ चैन सिंह परस्ते व उनकी टीम , अमरकंटक प्राधिकरण की टीम , विद्युत विभाग सहित पत्रकार बंधुओं और पंडाल में उपस्थित सभी दर्शकों को तीन दिवसीय कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया।

Saurabh Gupta

Saurabh Gupta is the Content Writer and Founder of karekaise.in, A blogging website that helps reader by providing News, Article on Educational topics in both language Hindi And English. He is from Anuppur district, Madhya Pradesh, India.

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