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शोध व्यवहारिक तथा समाजोपयोगी होना चाहिए ….प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी (कुलपति)

शोध व्यवहारिक तथा समाजोपयोगी होना चाहिए ….प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी (कुलपति)

अनूपपुर -पुष्पराजगढ़ (रमेश तिवारी ) 


इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक में शिक्षा विभाग, पर्यटन विभाग तथा सांख्यिकी विभाग के संयुक्त तत्वाधान में भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद द्वारा प्रायोजित 10 दिवसीय अनुसंधान क्रियाविधि कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ हुआ तदोपरांत शिक्षा संकाय के अधिष्ठाता एवं कार्यशाला के निदेशक प्रो. एम टी वी नागराजू द्वारा स्वागत उद्बोधन दिया गया, अतिथि स्वागत के बाद कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. दिलीप कुमार डे तथा कार्यक्रम के अध्यक्षता कर रहे इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के कुलपति प्रो श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी द्वारा उद्बोधन दिया गया।

शोध व्यवहारिक तथा समाजोपयोगी होना चाहिए ....प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी (कुलपति)

विदित हो कि इस कार्यशाला में देश के कुल 30 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं जिसमें 10 प्रतिभागी आयोजक विश्वविद्यालय के शोधार्थी हैं तथा 10 शोधार्थी मध्य प्रदेश से हैं तथा अन्य 10 विद्यार्थी संपूर्ण भारत से आए हुए हैं। शोधार्थी कर्नाटक, केरल, आगरा, लखनऊ, इलाहाबाद, ग्वालियर, सागर, महाराष्ट्र, छतरपुर, बिलासपुर तथा दिल्ली आदि विभिन्न विश्वविद्यालयों से आए हुए हैं, शोधार्थियों की विविधता के साथ ही इस 10 दिवसीय कार्यशाला में शोध के विभिन्न आयामों पर प्रस्तुतीकरण दिया जाएगा। जिसमें शोध तकनीकी निर्माण, प्रक्रिया तथा विश्लेषण सॉफ्टवेयर ‘R’ पर प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

कार्यक्रम के अंत में आयोजक समिति के सदस्य तथा सांख्यिकी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. एस बालास्वामी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। उद्घाटन सत्र में पर्यटन विभाग के सहायक प्राध्यापक तथा आयोजक सदस्य डॉ. जयप्रकाश नारायण द्वारा मंच संचालन किया गया।

 

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जनजातीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी ने अपने उद्बोधन में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति मौलिक शोध तथा अंतर-विषय शोध तथा शिक्षा को बढ़ावा देती है। शोधार्थी को इस बात का ध्यान रखना चाहिए की शोध व्यवहारिक तथा समाजोपयोगी हो जिससे समाज तथा राष्ट्र सीधे तौर पर लाभान्वित हो सके, शोध यथार्थ हो तथा यह क्रमबद्ध होने के साथ ही तथ्य तथा सत्य को पोषित करे। वर्तमान में मार्केट सोसाइटी को ह्यूमन सोसाइटी में बदलने की आवश्यकता है, हमारे सामाजिक संबंधों को मजबूत करने की आवश्यकता है। आज आवश्यकता है कि पश्चिम देशों के जीविता सिद्धांत को त्याग कर भारतीय दर्शन के सहजीविता के सिद्धांत को बढ़ावा दिया जाए। आज के समय में जनजातीय समुदाय के परंपरागत ज्ञान पर शोध करने की नितांत आवश्यकता है।

 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित भाभा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो दिलीप कुमार डे ने अपने उद्बोधन में आंकड़ों के महत्व पर जोर डालते हुए कहा कि वर्तमान में जिस व्यक्ति या देश के पास सर्वाधिक आंकड़े या डाटा उपलब्ध है, वह सर्वाधिक शक्तिशाली होने का दावा करते हैं । प्रो डे ने आंकड़ों के महत्व, उसकी व्यापकता को बताने के साथ ही विश्व तथा भारत की जनसांख्यिकीय प्रोफाइल प्रस्तुत करते हुए इस पर चिंता जाहिर की है, साथ ही इनके द्वारा सांख्यिकी के विभिन्न पहलुओं और विधियों पर प्रकाश डाला गया।

Saurabh Gupta

Saurabh Gupta is the Content Writer and Founder of karekaise.in, A blogging website that helps reader by providing News, Article on Educational topics in both language Hindi And English. He is from Anuppur district, Madhya Pradesh, India.

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