
सूर्य उपासना छठ पूजा का महापर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया: राजेंद्रग्राम
डूबते सूर्य को अर्ध्य देकर की गई पूजा अर्चना
सूर्य उपासना छठ पूजा का महापर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया: राजेंद्रग्राम
डूबते सूर्य को अर्ध्य देकर की गई पूजा अर्चना
राजेंद्रग्राम(रमेश तिवारी)
राजेंद्रग्राम:- सूर्य देव की उपासना का महापर्व छठ 28 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक मनाया जा रहा है । तीसरे दिन 30 अक्टूबर दिन रविवार को ढलते सूर्य देव को अर्घ्य देकर पूजा अर्चना की गई ।
चौथे दिन 31 अक्टूबर को सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा अर्चना के साथ छठ महापर्व का समापन किया जाएगा। राजेंद्रग्राम में दुर्गा मंदिर के पास जोहिला नदी के तट पर 30 अक्टूबर उपासको द्वारा ढलते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ पूजा विधि विधान से की गई।
उपासको के द्वारा जोहिला नदी के तट पर साफ सफाई कर टेंट एवं लाइट लगाकर घाट को सजाया गया जहां पर महिलाओं एवं पुरुषों द्वारा सामूहिक रूप से छठ पूजा का उत्सव मनाया गया। जोहिला नदी के तट पर उत्तर भारत के लोग बड़ी संख्या में पूजा अर्चना के लिए एकत्रित हुए घाट में पूजा देखने के लिए अन्य लोग भी एकत्रित हुए।
छठ पर्व पूजा के लिए उपासक हर छोटी से छोटी चीज जुटाकर छठ पूजा के लिए लाए थे जिसमें प्रमुख रूप से गन्ना, कांदा, सेव, केला एवं फूल माला एवं अन्य सामान भी लाए थे। बांस के बने नए टोकरी मे पूजा की सामग्री फल फूल प्रसाद एवं अन्य सामग्री को सजा कर रखा गया था।
पूजा की सामग्री को लेकर महिलाए एवं पुरुष घाट पर जाकर छठ मैया की पूजा विधि विधान के साथ किए । छठ पूजा का पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है यह पर्व 4 दिनों तक लगातार चलता है उत्तर भारत में विशेष तौर पर बिहार एवं उत्तर प्रदेश में यह पर्व मनाया जाता है ।
28 अक्टूबर से नहाए खाए के साथ व्रती महिलाओं ने अपना व्रत प्रारंभ किया इसी दिन व्रती लोग स्नान कर नए कपड़े पहनते हैं और शुद्ध भोजन करते हैं सबसे पहले व्रत रखने वाले भोजन करते हैं उसके बाद घर के अन्य सदस्य भोजन ग्रहण करते हैं छठ पूजा का दूसरा दिन जिसे खरना कहते हैं इस दिन पूरे दिन व्रत रखा जाता है तथा शाम को चावल और गुड़ से बनी खीर बनाई जाती है। जिसे खाकर 36 घंटे का कठिन व्रत रखा जाता है छठ पूजा के तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्ध्य देकर पूजा अर्चना की जाती है तथा चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा अर्चना के साथ छठ महापर्व का समापन किया जाता है।