
रक्षाबंधन व कजलिया पर्व श्रद्धा एवं उत्साह के साथ मनाया गया
रक्षाबंधन व कजलिया पर्व श्रद्धा एवं उत्साह के साथ मनाया गया
पुष्पराजगढ़( रमेश तिवारी)
भाई बहन के स्नेह का प्रतीक रक्षाबंधन एवं कजलिया का पर्व पुष्पराजगढ़ क्षेत्र एवं राजेंद्र ग्राम में श्रद्धा एवं उत्साह के साथ मनाया गया बहनों ने अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर जीवन पर्यंत रक्षा का वचन लिया रक्षाबंधन पर बहन भाई की कलाई पर स्नेह की डोर बांध कर भाई से जीवन पर्यंत सुरक्षा का वचन लेकर भाई के सुख समृद्धि की कामना की। राखी का त्योहार सामाजिक सौहार्द का भी त्यौहार है इस त्यौहार को कई भाई बहन जाति धर्म संप्रदाय से परे हटकर भाई-बहन के रिश्ते को मानकर स्नेह का धागा बांधकर रक्षाबंधन मनाते हैं ।राखी बंधवाने के लिए आज के दिन बहनें अपने भाई का इंतजार करती हैं तो कई भाई भी अपनी बहनों का इंतजार करते हैं आज के दिन कई लोग अपनी उन वस्तुओं को भी राखी बांधते हैं। जो उनके जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। 30 अगस्त को रक्षाबंधन पर भद्रा नक्षत्र होने के कारण रात 9:00 बजे के बाद राखी बांधने का मुहूर्त था जिसके कारण कई परिवारों में बहनों ने रात 9:00 बजे के बाद अपने भाई के कलाई पर राखी बांधकर रक्षा का वचन लिए। वही कई परिवारों में 31 अगस्त की सुबह तक बहनों ने अपनी भाई के कलाई पर राखी बंधकर रक्षा का वचन लेकर उनके सुख समृद्ध की कामना की। 31 अगस्त को सायं को कजलिया त्यौहार उत्साह एवं आपसी भाईचारे के साथ मनाया गया। राजेंद्रग्राम में सायं को महिलाएं एवं बालिकाएं जोहिला नदी मे कजलियां विसर्जित किये। तत्पश्चात भगवान शिव मंदिर दुर्गा मंदिर श्री राम मंदिर एवं हनुमान मंदिर में जाकर पूजा अर्चना कर भगवान को कजलिया चढाकर उनसे सुख समृद्धि सौभाग्य की कामना किये। पुरुष जिसमें बच्चे नौजवान सभी शामिल होकर कजलिया लेकर एक दूसरे के हाथ में कजलिया देकर गले मिलकर कजलिया पर्व उत्साह एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।