
श्री राम वन गमन पथ पर्यटन विकास को गति देगा: प्रो. श्रीप्रकाशमणि त्रिपाठी (कुलपति)
श्री राम वन गमन पथ पर्यटन विकास को गति देगा: प्रो. श्रीप्रकाशमणि त्रिपाठी (कुलपति)
अनूपपुर (रमेश तिवारी)
इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकण्टक के पर्यटन प्रबंधन विभाग द्वारा श्री राम वन गमन पथ और पर्यटन विकास : संभावनाएं एवं चुनौतियां विषय पर दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन दिनांक 10 एवं 11 फरवरी को किया गया। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीप्रकाशमणि त्रिपाठी ने श्री राम के वन गमन पथ को विस्तार से समझाया तथा कहा कि भगवान श्री राम के वन गमन पथ के निर्माण से इस क्षेत्र के लोगों का विकास तो होगा ही साथ ही सांस्कृतिक विकास में यह कोरिडोर निश्चय ही महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। भारत के दूर-दराज के हिस्सों में बसे लोगों के साथ दुनिया के लोग इस कोरिडोर के माध्यम से भगवान राम की महिमा से परिचित होंगे। मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित डॉ. रामगोपाल सोनी, सेवानिर्वत, भारतीय वन सेवा मध्यप्रदेश केडर ने राम वन गमन पथ पर आधारित अपने गहन शोध के निष्कर्षो को प्रतिभागियों के समक्ष रखा साथ ही आपने पूर्व में हुए कई अनुसंधानों का सहारा लेते हुए राम वन पथ गमन पर अपनी बात रखी। मुख्य अतिथि के रूप प्रो. सम्पदा कुमार स्वेन, , पर्यटन प्रबंधन विभाग, पुदुचेरी विश्वविद्यालय, पुदुचेरी ने श्री राम वन गमन पथ को एक सर्किट के रूप में विकसित करने की बात कही तथा इस बात पर जोर दिया कि भारत सरकार निरंतर पर्यटन उद्योग को बढ़ावा दे रही है तथा प्रतिवर्ष बजट में अतिरिक्त धन का आवंटन पर्यटन उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए किया जा रहा है। प्रो. स्वेन ने कहा कि रामवन गमन पथ का विकास एक सर्किट के रूप में होना चाहिए जो निश्चय ही आम आदमी की आजीविका को बेहतर करेगा तथा व्यक्ति की गुमने व तीर्थ करने की अभिलाषा को भी पुरा करेगा। इस सत्र में सम्मानित अतिथि के रूप में प्रो. विजय कुमार कर्ण, प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, संस्कृत विभाग, नव नांलदा महाविहार, विश्वविद्यालय, नालंदा भी उपस्थित रहे। प्रो. कर्ण ने कहा कि श्री रामवन गमन पथ में आध्यात्मिक पर्यटन के विकास से लोगों का सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास होगा। पर्यटन विभाग के विभागाध्यक्ष ने प्रो. जी.बी.एस. जोहरी ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि श्रीराम की आभा का फैलाव विभिन्न संस्कृतियों तथा देशों जैसे इजिप्ट, इटली तक विस्तारित है। इस अवसर पर प्रबंधन संकाय के सकांयाध्यक्ष प्रो. ए.पी. सिंह ने पर्यटन उद्योग एवं रामवन गमन पथ पर अपनी बात रखी। अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के संयोजक डॉ. प्रशांत कुमार सिंह, पर्यटन प्रबंधन विभाग, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय ने संगोष्ठी के महत्व एवं उद्देश्यों पर प्रकाश डाला तथा संगोंष्ठी के सह-संयोजक डॉ. रोहित बोरलीकर ने आभार प्रकट किया। इस सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन प्रबंधन विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. राहिल युसुफ जई ने किया।