
सिकल सेल एनीमिया दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम संपन्न
सिकल सेल से मुकाबले में योद्धा बनें युवा - प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी (कुलपति)
सिकल सेल एनीमिया दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम संपन्न
सिकल सेल से मुकाबले में योद्धा बनें युवा – प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी (कुलपति)
अनूपपुर (पुष्पराजगढ़) रमेश तिवारी
श्री शील मंडल अमरकंटक एवं प्रणाम नर्मदा युवा संघ द्वारा आयोजित हुआ कार्यक्रम
सिकल सेल एनीमिया दिवस पर श्री शील मंडल अमरकंटक एवं प्रणाम नर्मदा युवा संघ के संयुक्त तत्वाधान में शासकीय महाविद्यालय पुष्पराजगढ़ में सिकल सेल एनीमिया जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया । सिकल सेल एनिमिया एक रक्त संबंधी बीमारी है, जिसमें लाल रक्त कोशिकाओं का आकार गोले तथा चपटाकार से परिवर्तित होकर हाशिये का आकार का हो जाता है जिससे रोगी में विभिन्न प्रकार की समस्याएं उभर कर आती हैं । यह एक अनुवांशिक बीमारी है, जो माता-पिता से बच्चों में स्थानांतरित होती है, सिकल सेल रोग से ग्रसित व्यक्ति को खून की कमी, हाथ पैर तथा जोड़ों में सूजन तथा दर्द, बार बार बुखार आना, पीलिया आदि एक सामान्य लक्षण है। सिकल सेल एनीमिया रोग से अनूपपुर जिले में लगभग 1556 रोगियों को चिन्हित किया गया है। इस रोग का बचाव ही उपचार है, बचाव हेतू विवाह पूर्व सिकल जाँच कराना चाहिए इस हेतु महाविद्यालय छात्रों को सिकल सेल एनीमिया के संदर्भ में जागरूक किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी जी ने कहा कि वैश्विक धरातल पर इस बीमारी से लड़ने के लिए युवाओं को आगे आना होगा। स्थानीय स्तर पर कार्य कर रहे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को मदद करने हेतू पहले सभी को इस बीमारी के बारे में जानना होगा, इसके लक्षण को पहचाना होगा तथा चिंहिन्त ग्रामीणों को स्वास्थ्य तंत्र के साथ जोड़ना होगा, जिससे स्वस्थ्य राष्ट्र का निर्माण हो सकेगा।
सिकल सेल अनुवांशिक बीमारी है – डॉ मरावी,
विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ फूल शाह मरावी ने अपने उद्बोधन में कहा सिकल सेल एनीमिया एक अनुवांशिक बीमारी है, यह माता-पिता से बच्चों में स्थानांतरित होती है यह बीमारी अन्य किसी रूप में भी संक्रमित या प्रसारित नहीं हो सकती है। सिकल सेल रोगी को अक्सर रक्त की आवश्यकता पड़ती है ऐसे मे बड़ी मात्रा में रक्तदान की आवश्यकता है।
सामूहिक प्रयास से बदलेगी समाज की तस्वीर – श्रीमती शीला त्रिपाठी,
श्री शील मंडल की अध्यक्ष श्रीमती शीला त्रिपाठी ने कहा समाज के हर वर्ग को सिकल सेल हेतु जागरूक करने की आवश्यकता है, जो अशिक्षित हैं उन्हें शिक्षित करना होगा तथा जो शिक्षित हैं उन्हें जागरूक करना आवश्यक है। समाज में एक बड़े बदलाव करने हेतु सभी के सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है जिससे सिकल सेल बीमारी को खत्म किया जा सके।
इस तरह के आयोजनों से होगा परिवर्तन – डॉ सार्मे
शासकीय महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ डीपी सारमे ने आयोजित कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन से समाज में सकारात्मक परिवर्तन आयेगा। आज पूरा महाविद्यालय परिवार इस बीमारी से परिचित हुआ, जिसका भविष्य में फायेदा ले सकेंगे साथ ही समाज में सिकल सेल के प्रसार को रोकने में भी मदद मिलेगी।
सिकल सेल की जागरूकता ही बचाव का एकमात्र उपाय – विकास चंदेल,
प्रणाम नर्मदा युवा संघ के प्रतिनिधि एवं विश्वविद्यालय के शोधार्थी विकास चंदेल ने अपने प्रेजेंटेशन में सिकल सेल एनिमिया की संपूर्ण जानकारी प्रदान की किया, सिकल सेल क्या है, क्यों होता है, कैसे होता है, प्रकार, लक्षण, प्रसार को रोकने के उपाय, आदि पर विस्तृत जानकारी प्रदान किये। उपस्थित छात्रों तथा शिक्षकों ने सिकल संबंधी प्रश्न पूंछे जिनपर विस्तृत विवरण दिया गया।
कार्यक्रम में श्री शील मण्डल के सदस्य डॉ पूनम पांडे, डॉ सुनीता मिंज, श्रीमति प्रज्ञा मिश्रा, डॉ सरस्वती, श्री मति मधुलिका सहित अन्य सदस्य तथा चिकित्सा विभाग की टीम व प्रणाम नर्मदा युवा संघ से श्री हरीश कुमार धुर्वे, निधि सिंह, शिवकुमार, सुधीर कुमार, अवधेश प्रताप सहित महाविद्यालय के शिक्षक तथा विधार्थी उपस्थित रहे।
द्वारा-
डॉ पूनम पांडे
सदस्य – श्री शील मण्डल