
विरासत में मिली संपत्ति को बेचने पर पर लगेगा इतना टैक्स? नियम जानें
विरासत में मिली संपत्ति को बेचने पर पर लगेगा इतना टैक्स? नियम जानें
आय कर: भारत जैसे देश में बच्चों को अपने पूर्वजों की संपत्ति पर हक है। गांवों में, सभी को विरासत में जमीन और संपत्ति मिलती रहती है। विरासत में मिली जमीन बेचना बहुत मुश्किल होगा। ऐसा इसलिए है कि विरासत में मिली जमीन को बेचने पर आयकर की तुलना करना बहुत मुश्किल होगा।
पैतृक संपत्ति को बेचने पर टैक्स लगेगा या नहीं, इस बारे में बहुत से लोग भ्रमित हो जाते हैं। हम आज आपको बताते हैं कि विरासत में मिली संपत्ति को बेचने पर टैक्स कब और कितना देना चाहिए?
विरासत की संपत्ति में कौन शामिल है?
हमारे देश में बहुत से लोग नहीं जानते कि विरासत की संपत्ति क्या है। आपको बता दें कि विरासत की संपत्ति हमें हमारे पिता, दादा या पिता से मिली है; इसे पैतृक संपत्ति भी कहते हैं। लेकिन विरासत की संपत्ति नहीं होती अगर हमारे नाना, मामा या अन्य रिश्तेदारों को संपत्ति देते हैं। इनकम टैक्स अधिनियम 1961 के अनुसार, हमें ऐसी संपत्ति की जानकारी आयकर विभाग को देनी पड़ती है।
विरासत की संपत्ति पर टैक्स देने वाले कौन हैं?
यदि आप को विरासत में मिली संपत्ति या जमीन बेचना चाहते हैं, तो आपको आयकर देना होगा। विरासत में मिली हुई संपत्ति एक टैक्स फ्री गिफ्ट या तोहफा है। लेकिन गिफ्ट या तोहफे में मिली वस्तु को बेचने पर टैक्स देना होगा। विरासत में मिली संपत्ति पर टैक्स की राशि का निर्णय आपके पास कितने समय से संपत्ति है?
आयकर विभाग का नियम विरासत की संपत्ति
आयकर विभाग (Income Tax Department) के नियमों के अनुसार, अगर आपको 1 अप्रैल 1981 से पहले कोई संपत्ति विरासत में मिली है तो आपको इसे बेचने का कोई हक है। लेकिन 1 अप्रैल 2000 के बाद विरासत में मिली संपत्ति पर अधिग्रहण की लागत 50,000 रुपये होगी।
मान लीजिए, अगर आपको 1 अप्रैल 1981 के बाद कोई संपत्ति विरासत में मिली है, तो आप किराए या लाभ के रूप में इस संपत्ति पर मिली रकम को बदलवा नहीं सकते। इसके अलावा, कई मामलों में आपको इंडेक्सेशन से लाभ उठाने का हक मिलता है जिस वर्ष आपको विरासत की संपत्ति मिली है।